आपको बता दें कि इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में भी रेगुलर करेंसी की तरह एक यूनिक नंबर होगा। जिसके बाद एक करेंसी दूसरी करेंसी से एकदम अलग होगी। यह एक सरकार गारंटी वॉलेट होगा। सरकार जिसे नॉर्मल करेंसी के साथ शामिल करने के बारे में सोच रही है।
General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें
नोट की छपाई और मेनटेनेंस में सरकार को करने पड़ते हैं इतने खर्च?
इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स के अनुसार एक 100 रुपये के नोट को छापने में सरकार को 15 से 17 रुपये का खर्च आता है। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बैंक पुराने नोटों को वापस लेकर बाद में नए नोटों की छपाई करते हैं। इसके साथ ही नोटों के मेनटेनेंस पर भी पैसे खर्च होते हैं। आजकल सरकार ज्यादा वैल्यू वाले नोटों की छपाई करने लगी है। ऐसे में छोटे नोट जैसे, 10.20. 50 आदी के छपाई और मेनटेनेंस में सरकार को अब कम खर्च होगें।
डिजिटल रुपये क्या है?
1.डिजिटल रुपये ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होता है, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथीरियम, कार्डेनो, बिनेनस कॉइन, टीथर आदि इसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं।
2.इस रुपये के जरिए सरकार किसी भी तरह का लेन देन का रिकार्ड अपने पास रख पाएंगी।
3.यह डिजिटल रुपया साल 2023 तक तैयार कर लेने की प्लानिंग है।
4.यह पैसे आपके मुद्रा फोन में रहेगी जिसका कंट्रोल आरबीआई के पास होगा।
5. इसे एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर किया जा सकेगा।
6 डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात ये है कि इसे जरूरत के अनुसार सॉवरेन करेंसी यानी देश की मुद्रा (रुपये) में बदला जा सकेगा।
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे