पायलेट प्रोजेक्ट का उद्देश्य
इससे भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक नई मजबूती मिलेगी, साथ ही पेमेंट सिस्टम को और अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा।
आरबीआई पायलेट प्रोजेक्ट
आरबीआई ने थोक खंड में डिजिटल रुपए की पायलट प्रोजेक्ट शुरू की भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज थोक खंड में डिजिटल रुपए की पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करेगा। सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीय बाजार लेनदेन के निपटान के लिए डिजिटल रुपए के उपयोग किया जाएगा। आरबीआई ने एक बयान में कहा है कि रुपए के उपयोग से अंतर बैंकबाजार को और अधिक कुशल और योग्य बनाने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक के पास पैसे में निपटान की गारंटी, बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूर्व खाली करके या निपटान के जोखिमों को कम करने के लिए समपार्श्विक के लिए लेनदेन के लागत को कम करेगा।
इन 9 बैंकों ने पायलेट प्रोजेक्ट में भाग लिया है
आरबीआई ने यह भी कहा है कि इस पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीक के आधार पर अन्य थोक लेनदेन और सीमा पार से भुगतान भविष्य के पायलट प्रोजेक्ट पर फोकस करेगा। पायलट में भाग लेने के लिए 9 बैंक भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एचएसबीसी की पहचान की गई है। रिटेल खंड में डिजिटल रुपए के पहले प्रायोगिक उपयोग को कस्टमर और व्यापारियों के बंद यूजर्स समूह में चुनिंदा स्थानों में 1 महीने के भीतर लांच करने की योजना बनाई गई है।
बजट सेशन के दौरान की थी घोषणा
इस साल बजट सेशन के दौरान वित्त मंत्री निर्माण निर्मला सीतारमण ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी नोट्स को लांच करने की घोषणा पहले ही कर दी थी। सीबीडीसी करेंसी नोट के डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में भारत सरकार ने आम बजट में 2022 - 23 से पेश करने की घोषणा कर दी है। आरबीआई ने ड्राफ्ट नोट जारी किया है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
आरबीआई ने जारी किया ड्राफ्ट नोट
आरबीआई द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट नोट के मुताबिक सीबीडीसी के लिए पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा इसमें अलग-अलग उम्र और फील्ड के लोग शामिल होंगे। पायलट प्रोजेक्ट से मिले नतीजों के आधार पर डिजिटल रुपये की लॉन्चिंग की जाएगी आरबीआई की ओर से जारी इस कांसेप्ट के अनुसार रीटेल और होलसेल के अलग-अलग सीबीडीसी जारी की जा सकती है।
डिजिटल रुपये को नकदी में बदला जा सकेगा
रीटेल सीबीडीसी का प्रयोग पेमेंट, सेटलमेंट के लिए किया जा सकता है। वहीं होलसेल सीबीडीसी बड़े फाइनेंनशियल ऑर्गेनाइजेशन के लिए जारी की जाएगी। रिटेल के लिए टोकन बेस्ड सीबीडीसी लाई जा सकती है। रीटेल सीबीडीसी में प्राइवेसी बनाए रखने की कोशिश होगी। वहीं सीबीडीसी के कस्टमर को किसी तरह का कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा डिनॉमिनेशन वाली करेंसी पर ही सीबीडीसी का लॉन्च संभव हो सकता है और डिजिटल रुपए को नकदी में बदला जा सकेगा।
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