- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक टेलीविज़न चैनल पर हमले की घोषणा की. इस घोषणा के बाद उन्होंने 2015 के शांति समझौते जिसमें कि डोनेट्स्क और लुहान्स्क के अलग-अलग क्षेत्रों पर लड़ाई बंद करने को लेकर सहमती व्यक्त की गयी थी को अमान्य करार दिया.
- इसके बाद राजधानी कीव सहित यूक्रेन के प्रमुख शहरों और डोनेट्स्क और लुहान्स्क के विद्रोही इलाकों में विस्फोटों और मिसाइल हमलों की खबरें आने लगी. पश्चिमी इंटेल का कहना है कि रूस ने सीमा पर 150,000 से अधिक सैनिकों और महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों को इकट्ठा कर लिया है.
- अब तक, रूस ने एयरबेस और वायु रक्षा को नष्ट करने का दावा किया है, जबकि यूक्रेनी सेना का कहना है कि उसने लुहान्स्क में छह रूसी विमानों को मार गिराया है. ऐसा यूक्रेन के आंतरिक मामलों के मंत्री के एक सलाहकार ने reuters द्वारा उद्धृत किया कि रूसी गोलाबारी से कम से कम आठ लोग मारे गए हैं और नौ घायल हो गए हैं.
- रूस के कार्यों की संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा सहित लगभग सभी प्रमुख देशों ने निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने पुतिन से 'मानवता के नाम पर' युद्ध को रोकने का आग्रह करते हुए यह कहा कि इस युद्ध का परिणाम न सिर्फ़ यूक्रेन बल्कि दुनिया के लिए विनाशकारी होगा.
रूस ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया है ?
- रूस का मानना है कि यूक्रेन नाटो, या उत्तरी अटलांटिक संधि गठबंधन और यूरोपीय संघ दोनों के माध्यम से पश्चिम के करीब बढ़ रहा है.
- यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है, लेकिन उसने गठबंधन के साथ सहयोग किया है और अक्सर साइन अप करने का इरादा भी व्यक्त किया है.
- हालाँकि, पुतिन इस बात को समझ रहे होंगे कि यूक्रेन अगर नाटो में शामिल हो जाता है तो डोनेट्स्क और लुहान्स्क को अपने नियंत्रण में लाने में उन्हें काफ़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा.
- उन्होंने अक्सर यूक्रेन पर पश्चिम के हाथों की 'कठपुतली' होने का भी आरोप लगाया है.
- यूक्रेन के राष्ट्रपति के रूप में रूसी समर्थक विक्टर यानुकोविच का हटना भी इसके लिए एक बिंदु हो सकता है. विक्टर यानुकोविच को फरवरी 2014 में यूक्रेनी संसद द्वारा हटा दिया गया था. इसने आठ वर्षों पहले के रणनीतिक रूप से मूल्यवान क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूस के कब्जे को उत्प्रेरित किया.
- रूस ने नाटो के पूर्वी विस्तार को समाप्त करने की मांग की है और कहा है कि अमेरिका के नेतृत्व वाले अटलांटिक सैन्य गठबंधन की यूक्रेनी सदस्यता अस्वीकार्य है.
- और आईए अब जानते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध हो हीं क्यों रहा है ? जैसा कि यूक्रेन पर हमले का निर्देश देते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जनता से अपने भाषण में कहा, उन्होंने क्या कहा आप भी जानिए.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा-
यूक्रेन ने रेड लाइन को पार किया है. यूक्रेन नियो-नाजी का समर्थन कर रहा है, इसलिए यह विवाद हमारे लिए जीवन-मरण का सवाल है, अतः हमने स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरू करने का फैसला किया है. रूस अपने दक्षिणी पड़ोसी (यूक्रेन) पर कब्जा करना नहीं चाहता है परन्तु रूस को उनसे अपनी रक्षा करनी हीं होगी जिन्होंने यूक्रेन को अपनी कठपुतली बना रखा है. रूस-यूक्रेन युद्ध कोअब और टाला नहीं जा सकता.
यूक्रेन को कठपुतली बनाने वाली बात से पुतिन का इशारा अमेरिका और उसके सहयोगियों की तरफ है. पुतिन का आरोप है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने NATO का विस्तार कर सारी सीमाएं पार कर दी हैं. पुतिन की तरफ ये ये भी कहा गया कि रूस का उद्देश्य पूर्वी यूक्रेन के उन लोगों की रक्षा करना है, जिनका यूक्रेन की सरकार पिछले 8 सालों से उत्पीड़न कर रही है.
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ये भी कहा कि, लोगों की रक्षा करने के लिए हमारा उद्देश्य यूक्रेन से सैन्य तैनाती खत्म करना और उसका विनाजीकरण करना है. इसी के साथ उन लोगों को सजा भी दी जाएगी, जिन्होंने नागरिकों के खिलाफ खूनी अपराध किए हैं.