अनुसूचित जाति -
अनुसूचित जाति, शिड्यूल्ड कास्ट या SC वास्तव में जातियों की एक संवैधानिक सूची है जिनमें उन जातियों को शामिल किया गया है जो किसी समय समाज से बहिष्कृत, अस्पृश्य, शूद्र, अछूत, हरिजन या दलित कहे जाते थे. इन जातियों को अनुसूचित कहने के पीछे का उद्द्येश्य समाज में इनसे हो रहे भेदभाव को दूर करना तथा इनका सामाजिक, आर्थिक विकास करना है. इसके लिए हमारे संविधान ने इन्हें कई अधिकार प्रदान किये गए हैं, जैसे - सरकारी नौकरियों, शिक्षा से जुड़े क्षेत्र तथा चुनावों में आरक्षण, आर्थिक मदद के साथ उनकी सुरक्षा के लिए कानून की व्यवस्था भी की गयी है.
भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति को आर्टिकल 366 (24) में परिभाषित किया गया है. संविधान के इस आर्टिकल के अनुसार अनुसूचित जाति का मतलब, ऐसी स्वतंत्र जातियां, जनजतियाँ अथवा इन जातियों के कुछ भाग से है जिन्हें भारतीय संविधान के प्रयोजनों के लिए आर्टिकल 341 के अंतर्गत अनुसूचित जाति का माना गया है.
Monthly Current Affairs May 2022 Hindi
अनुसूचित जनजाति -भारत में आज भी कई ऐसी जनजातियां हैं, जो समाज के बीच में न रहकर अपना जीवन अलग- थलग गुज़रते हैं. इनका न सिर्फ अपना एक अलग समाज होता है, बल्कि इनके रीति-रिवाज, नियम कानून यहाँ तक कि देवी देवता भी बिल्कुल अलग होते हैं. ये लोग प्रायः समाज से दूर जंगलों और पहाड़ों के निकट अपना जीवन यापन करते हैं.
साधारण बोलचाल की भाषा में हम इन्हें आदिवासी कहते हैं. समाज से दूर रहनें के कारण जाहिरी तौर पर इन लोगो में शिक्षा का अभाव, गरीबी, कुपोषण, अन्धविश्वास आदि पाया जाता है. इसलिए संविधान और सरकार द्वारा इनके विकास और इन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए कई अधिनियम और कानून बनाए गए हैं.
भारतीय संविधान के आर्टिकल 366 (25) के मुताबिक, ऐसे आदिवासी समुदाय या आदिवासी जाति और आदिवासी समुदायों का भाग या उनके समूह के रूप में, जिन्हें इस संविधान के उद्देश्यों के लिए अनुच्छेद 342 में अनुसूचित जनजातियां माना गया है अनुसूचित जनजाति कहते हैं. भारतीय संविधान में अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) शब्द का प्रयोग सबसे पहले किया गया था और इसकी परिभाषा वर्ष 1931 में अंग्रेजी शासनकाल में करायी गयी जनगणना के आधार पर किया गया था. अनुसूचित जनजाति अध्यादेश 1950 के मुताबिक अनुसूचित जनजाति में शामिल जातियों की संख्या लगभग 734 थी. वर्ष 2011 में की गयी जनगणना के मुताबिक भारत में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिशत 8.6 है.
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन फ्री बुक्स को डाउनलोड करें
Hindi Vyakaran E-Book-Download Now
Polity E-Book-Download Now
Sports E-book-Download Now
Science E-book-Download Now