भारत में 108 कंपनियां बन चुकी हैं यूनिकॉर्न, पूरी जानकारी देखें यहां

Rameshwar Chaudhary

Rameshwar Chaudhary is a passionate and dedicated professional with expertise in the field of digital marketing, specifically specializing in Search Engine Optimization (SEO). With a strong educational background, Rameshwar graduated with a Bachelor of Arts degree from Dr. B.R Ambedkar University in Agra.

Source: safalta.com

एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में इस समय 1361 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं। जिनमें बीते वर्ष 303 नई यूनिकॉर्न कंपनियां जुड़ीं हैं।
यूनिकॉर्न कंपनियों की कुल संख्या में टॉप देशों की बात की जाए तो 666 कंपनियों के साथ यूएस नंबर एक पर बना हुआ है। वहीं 316 यूनिकॉर्न के साथ चीन दूसरे नंबर पर काबिज है वहीं 108 यूनिकॉर्न के साथ भारत तीसरे नंबर है। वहीं विश्व के अन्य देशों में रह रहे भारतीयों द्वारा शुरू की गई कंपनियों में जो अब यूनिकॉर्न बन गई हैं। उन्हें भी जोड़ लिया जाए तो भारतीयों की यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या 138 हो गई है। दरअसल भारत ने यूनिकॉर्न कंपनियों के नंबर में बहुत तेजी से छलांग लगाई है। 2018 में भारत में केवल 8 कंपनियां ही यूनिकॉर्न थीं। हालांकि 2023 में अब तक केवल 3 स्टार्टअप ही यूनिकॉर्न बन सके हैं। जबकि बीते वर्ष इनकी संख्या 24 थी। भारत में यूनिकॉर्न कंपनियों के उछाल की बात करें तो कोरोना महामारी के बाद देश में बड़ी संख्या में नई कंपनियां और स्टार्टअप शुरू किए गए। जिन्होंने रिकॉर्डतोड़ बिजनेस कर खुद को यूनिकॉर्न बनाया। जैसे इसमें ऑनलाइन पेमेंट करने वाला गेटवे पेटीएम, खाना डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो, ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाली कंपनी बाइजू आदि शामिल हैं। 

Table of Contents
हुरून रिसर्च के अनुसार भारत मैं अगले पाँच वर्षों में अनुमानित यूनिकॉर्न कंपनियां 
स्टार्टअप क्या होते हैं?
चीता स्टार्टअप क्या होते हैं?
गज़ेल स्टार्टअप क्या होते हैं ?
यूनिकॉर्न कहलाते हैं स्टार्टअप्स जिनका मूल्यांकन एक बिलियन डॉलर से अधिक है
पांच वर्षों में देश के 25 शहरों से 147 स्टार्टअप्स उभरे हैं, जिनमें अधिकांश सॉफ्टवेयर और सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं
भारत के टॉप 20 यूनिकॉर्न कंपनियां कुछ इस प्रकार हैं .. 



हुरून रिसर्च के अनुसार भारत मैं अगले पाँच वर्षों में अनुमानित यूनिकॉर्न कंपनियां 
हुरून रिसर्च की हाल की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 25 शहरों से आने वाले 147 स्टार्टअप्स के अनुमानित रूप से पांच वर्षों में यूनिकॉर्न बन सकते हैं। इन स्टार्टअप्स की स्थापना औसतन 2015 में की गई थी, और इनमें से अधिकांश सॉफ़्टवेयर और सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं।

बढ़ती ब्याज दरों और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण, निवेशकों का उत्साह कम होने के बावजूद भारत में 147 स्टार्टअप्स हैं जो अगले पांच वर्षों में यूनिकॉर्न बन सकते हैं। 27 जून को जारी किए गए हुरून इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2023 के अनुसार, वर्तमान में भारत में 83 यूनिकॉर्न, 51 गजेल और 96 चीता स्टार्टअप्स हैं। हालांकि, पिछले साल की तुलना में ये आंकड़े कम हैं, क्योंकि पिछले साल देश में 84 यूनिकॉर्न, 51 गजेल और 71 चीता स्टार्टअप्स थे।

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स्टार्टअप क्या होते हैं?
स्टार्टअप एक विशेष प्रकार की कंपनी होती है जो हाल ही में कारोबार शुरू किया होता है। इसमें आप अकेले या कुछ सहकर्मियों के साथ एक साथ आकर कंपनी की नींव रखते हैं, जिसे "इंक्युबेशन" कहा जाता है। इस दौरान, लोग अपनी अनूठी क्षमता और विशेषज्ञता को संगठित करते हैं और मिलकर नए व्यापारिक विचारों पर काम करते हैं। इस तरह की कंपनी द्वारा ग्राहकों को एक अद्वितीय उत्पाद या सेवा प्रदान की जाती है। स्टार्टअप सफल होने के बाद, यह कंपनी अपनी पहचान बनाकर एक बड़ी कंपनी के रूप में विकसित हो जाती है।

चीता स्टार्टअप क्या होते हैं?
चीता स्टार्टअप्स वे होते हैं जिनके पास अगले 5 सालों में यूनिकॉर्न बनने की क्षमता होती है। ये कंपनियाँ दीर्घकालिक रणनीति के साथ विकसित होती हैं और अधिक मार्गदर्शन और वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होती है।

गज़ेल स्टार्टअप क्या होते हैं ?
गज़ेल एक स्थापित स्टार्टअप है, जो 2000 के बाद शुरू हुआ है और इसमें दो वर्षों में यूनिकॉर्न बनने की क्षमता है। गज़ेल्स की अनुमानित मूल्यांकन रेंज $500 मिलियन से $1 बिलियन तक है|

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यूनिकॉर्न कहलाते हैं स्टार्टअप्स जिनका मूल्यांकन एक बिलियन डॉलर से अधिक है
एक बिलियन डॉलर से अधिक की मूल्यांकन वाले स्टार्टअप्स को यूनिकॉर्न कहा जाता है। हुरून रिसर्च ने 2000 के बाद से एक बिलियन डॉलर से अधिक की मूल्यांकन वाले स्टार्टअप्स को यूनिकॉर्न के रूप में परिभाषित किया है। गजेल को उन स्टार्टअप्स के रूप में परिभाषित किया गया है जिनकी अगले तीन सालों में यूनिकॉर्न बनने की सबसे अधिक संभावना होती है, जबकि चीता स्टार्टअप्स वे हैं जिनके अगले पांच वर्षों में यूनिकॉर्न बनने की संभावना होती है। इस आंकलन का आधार नियामक पंजीकरण, उद्यमियों से प्रतिक्रिया और कुछ भारत-केंद्रित वेंचर कैपिटल फंड और एंजेल निवेशकों की प्रतिक्रिया पर है।

पांच वर्षों में देश के 25 शहरों से 147 स्टार्टअप्स उभरे हैं, जिनमें अधिकांश सॉफ्टवेयर और सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं
25 शहरों से आने वाले 147 स्टार्टअप्स में से अधिकांश सॉफ़्टवेयर और सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं। इनमें से केवल 20% स्टार्टअप्स शारीरिक उत्पादों को बेचते हैं, जबकि 37% B2B व्यापार में लगे हुए हैं, यानी वे सेवाएं प्रदान करते हैं या वस्त्रों को बिजनेसों को बेचते हैं। इन स्टार्टअप्स में से 63% सीधे अंत उपभोक्ताओं की सेवा प्रदान करते हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में उभरते स्टार्टअप्स का प्रमुख कारण बढ़ती ब्याज दरें और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी उच्च उत्साह है। यहां निवेशकों को यूनिकॉर्न बनाने के लिए मामूली संकटों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उन्होंने अपना रुझान बनाए रखा है।

हुरून इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2023 के अनुसार, वर्तमान में देश में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में से अधिकांश विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, सॉफ़्टवेयर और सेवा से जुड़े हुए हैं। गजेल स्टार्टअप्स की संख्या 51 है, जिनमें से अधिकांश ई-कॉमर्स, फिनटेक, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सक्रिय हैं। इसके अलावा, चीता स्टार्टअप्स की संख्या 96 है, जिनमें से अधिकांश अग्रणी उद्योगों में वित्तीय सेवाएं, संपत्ति, लॉगिस्टिक्स, और स्वास्थ्य आदि में कार्यरत हैं।

इस आंकड़े का मतलब यह है कि भारत में स्टार्टअप आगे बढ़ रहे हैं और उनमें से कई यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स आगे बढ़ सकते हैं। इससे साफ़ है कि भारत दुनिया भर में नवाचार और उद्यम केंद्र बन रहा है, और स्टार्टअप उद्यमिता में उच्च स्तर पर मान्यता प्राप्त कर रहा है।

भारत के टॉप 20 यूनिकॉर्न कंपनियां कुछ इस प्रकार हैं .. 
1. Paytm
2. Ola
3. Flipkart
4. OYO
5. Zomato
6. Byju's
7. PhonePe
8. PolicyBazaar
9. Dream11
10. Swiggy
11. Delhivery
12. InMobi
13. Razorpay
14. Freshworks
15. Lenskart
16. Unacademy
17. BigBasket
18. CRED
19. CarTrade
20. PharmEasy

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