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भारत में गेंहूँ का इतिहास, गेंहूँ की कहानी -
भारत में गेहूँ का उपयोग हजारों वर्ष पूर्व से किया जा रहा है, मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से मिले प्रमाण बताते हैं कि आज से साढ़े चार हजार साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता में न सिर्फ गेहूं की खेती की जाती थी, बल्कि गेहूँ का भण्डारण भी किया जाता था. प्रमाण बताते हैं कि रोम में 300 ईसा पूर्व के गेहूं के जो जीवाश्म मिले हैं, भारत में उससे भी दो हजार वर्ष पूर्व से सिंधु घाटी सभ्यता में गेहूं की खेती की जा रही थी.
गेहूँ का हमारे खाने की थाली में एक महत्वपूर्ण स्थान है. इस फसल का पूरी दुनिया में मुख्य खाद्यान्न के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यह फसल ना सिर्फ गर्म अपितु ठण्डे क्लाइमेट में भी उगाया जा सकता है. पूरी दुनिया में यह खाद्यान्न मुख्यत: दो मौसमों में उगाया जाता है. ठण्ड और वसंत के महीने में. सम्पूर्ण विश्व में कृषि योग्य कुल भूमि के लगभग छठे भाग पर गेहूँ के फसल की खेती की जाती है. गेहूँ विश्व के सभी प्रायद्वीपों में प्रमुखता से उगाया जाता है. चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा सबसे विशालतम उत्पादक देश है.और आइए अब जानते हैं दुनिया के शीर्ष 10 गेहूं निर्यातक देश कौन कौन से हैं .
शीर्ष 10 गेहूं निर्यातक देशों की सूची -
रैंक | देश | निर्यात (टन में) |
1 | रूस | 43,965,626 |
2 | कनाडा | 22,874,184 |
3 | संयुक्त राष्ट्र अमेरिका | 22,499,006 |
4 | फ्रांस | 18,940,343 |
5 | यूक्रेन | 16,373,389 |
6 | ऑस्ट्रेलिया | 12,352,837 |
7 | अर्जेंटीना | 11,724,765 |
8 | कज़ाकिस्तान | 6,198,354 |
9 | रोमानिया | 5,880,518 |
10 | जर्मनी | 5,228,857 |
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गेंहू निर्यात और भारत के लिए संभावनाएं
शीर्ष गेंहू निर्यातक देशों की बात करें तो रूस इस सूची में पहले स्थान पर आता है. दुनिया भर के कुल गेंहू निर्यात का लगभग 24% हिस्सा रूस द्वारा किया जाता है. यूक्रेन भी इस सूची में शीर्ष 5 वें देश में शामिल है. अगर रूस और यूक्रेन के गेंहू निर्यात को संयुक्त रूप से देखा जाए तो विश्व के कुल गेंहू निर्यात के 30% की आपूर्ति इन दोनों देशों के द्वारा हीं होती है. लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के परिणामस्वरूप रूस और यूक्रेन द्वारा किये जाने वाले निर्यात में व्यवधान उत्पन्न हो गया है, जिसकी वजह से माँग अधिक और आपूर्ति कम होने के कारण वैश्विक स्तर पर गेंहू के मूल्य में काफ़ी वृद्धि हो गई है इसी के साथ गेंहू की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है. उल्लेखनीय है कि चीन के बाद भारत गेंहू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. वैश्विक स्तर पर उत्पन्न गेंहू आपूर्ति संकट के समय भारत द्वारा किये जाने वाले गेंहू निर्यात के आंकड़ों में वृद्धि होने की काफी संभावनाएँ थीं.
लेकिन हीटवेव्स की वजह से फसलों को हुए नुक्सान की वजह से और दूसरे गेंहू की बढ़ती हुई घरेलू कीमतों पर नियंत्रण लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा गेंहू निर्यात पर रोक लगा दी गयी है. हालाँकि रोक लगाने की अधिसूचना की तारीख के पूर्व जिन शिपमेंट्स के लिए अपरिवर्तनीय लैटर ऑफ़ क्रेडिट दिया गया था उनपर कोई रोक नहीं लगेगी. साथ हीं भारत सरकार की अनुमति के आधार पर और अन्य देशों की सरकार द्वारा उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए किये गए अनुरोध के आधार पर गेंहू के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.
भारत ने वर्ष 2021-22 में वैश्विक माँग के कारण 7 मिलियन टन गेंहू निर्यात किया था. अगर उपरोक्त संकट उत्पन्न नहीं होता तो वर्ष 2022-23 में भारत के द्वारा लगभग 10 मिलियन टन गेंहू निर्यात किए जाने की संभावना थी. परन्तु दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेंहूँ उत्पादक देश यानि भारत ने दरअसल गेंहूँ की स्थानीय कीमतों को शांत करने की कोशिश में यह कदम उठाया है.
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