Union Budget Economic Survey Report 2022:आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़ी 5 प्रमुख बातें, जो प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कही गई

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Mon, 31 Jan 2022 06:47 PM IST

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प्रिंसिपल इकनॉमिक एडवाइज़र ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर का इकॉनमी पर उतना बुरा असर नहीं पड़ा, जितना कि पहली लहर का पड़ा था।

Source: Safalta

Union Budget Economic Survey Report 2022:आर्थिक सर्वेक्षण के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को आमतौर पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ही संबोधित करते हैं। लेकिन नागेश्वरन को तीन दिन पहले ही इस पद पर नियुक्त किया गया है, लिहाजा आज की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को मुख्य तौर पर संजीव  सान्याल ने ही संबोधित किया है।
सन्याल ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में तेज रफ्तार से रिकवरी किया है और इकॉनमी के सभी सेक्टर महामारी से पहले की स्थिति में आ चुके हैं। इतना ही नहीं, इस रिकवरी की रफ्तार से भविष्य में आर्थिक विकास की स्थिति में और ज्यादा सुधार आने की उम्मीद किया जा रहा है। प्रिंसिपल इकनॉमिक एडवाइज़र ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर का इकॉनमी पर उतना बुरा असर नहीं पड़ा, जितना कि पहली लहर का पड़ा था।

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आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़ी खास बातें

1.आर्थिक सर्वेक्षण में  वित्त मंत्री ने कहा है कि 20 साल में पहली बार किसी सरकारी कंपनी का निजीकरण हुआ  जो कि BPCL,शिपिंग कॉरपोरेशन, पवन हंस, IDBI बैंक, BEM और RINL की बिक्री के लिए रास्ता मजबूत करेगा। सरकार ने कुछ ही दिन पहले टाटा ग्रुप को एयर इंडिया का स्वामित्व 18 हजार करोड़ रुपये में सौंप दिया। जिसमें 15300 करोड़ रुपये कर्ज चुकता करने में किया जाएगा।
2.आर्थिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 तक  373.43 लाख करोड़ रुपये  की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इस अवधि में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 104.56 लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
आर्थिक सर्वे के अनुसार नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन दिए जाने के बावजूद भी नीति आयोग के ड्राफ्ट नेशनल एनर्जी पॉलिसी के आधार पर कोयले की मांग बनी रहेगी और वर्ष 2030 तक 130-150 करोड कोयले की मांग रहेगी।
3.अगले फाइनेंशियल ईयर के लिए ग्रोथ का आकलन 70-75 अमेरिकी डॉलर के भाव पर कच्चे तेल के आधार पर है। वर्तमान में इसका भाव करीब 90 डॉलर है।
4.आर्थिक सर्वे के मुताबिक ई-कॉमर्स को छोड़ IT-BPO सेक्टर फाइनेंशियल ईयर  2020-21 में सालाना आधार पर 2.26 परसेंट की दर से बढ़कर 19.4 हजार करोड़ डॉलर का हो गया है।
5.आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि अगले  यानी 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ सुस्त रह सकती है और यह 8-8.5 परसेंट की दर से बढ़ सकती है। चालू फाइनेंशियल ईयर में यह 9.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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