आजकल स्मार्ट डिवाइस में ब्लूटूथ का उपयोग भी तेजी से बढ़ गया है, क्योंकि लोग अपनी एअरबड्स, नैकबैंड, हेडफोन को ब्लूटूथ से कनेक्ट करके फाइल शेयर करते हैं या फिर गाना सुनने या वीडियो देखते हैं, सभी स्मार्ट डिवाइस में ब्लूटूथ फिचर होता है, स्मार्टफोन, आईओटी डिवाइस से लेकर कंप्यूटर एवं कार में ब्लूटूथ का फिचर दिया गया होता है। अगर आप ब्लूटूथ का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल नहीं करेंगे तो फिर इससे ब्लूजैकिंग, ब्लूबगिंग एवं ब्लूस्नार्फिंग का खतरा बढ़ सकता है। यह आपकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो आप को जानना होगा कि इससे आप अपने आप को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। GK Capsule Free pdf - Download here
ब्लूजैकिंग
ब्लूटूथ के माध्यम से होने वाले ब्लूजैकिंग की बात करें तो यह कम खतरनाक कैटेगरी में रखा जाने वाला हमला है। ब्लूजैकिंग में ब्लूटूथ पर अनवॉनटेड मैसेज भेजना शामिल है। ब्लूजैकिंग में आप अपने ब्लूटूथ को ऑन रखें हैं या फिर ब्लूटूथ एक्टिव है तो आपके आसपास दूसरा व्यक्ति आपको मैसेज भेजने के लिए ब्लूटूथ का उपयोग कर सकता है। जैसा आप बिल्कुल भी नहीं चाहेंगे कि कोई आपके ब्लूटूथ के माध्यम से डिवाइस को एक्सेस करें, ब्लूजैकिंग के जरिए आपको डिवाइस पर कुछ भी इंस्टॉल नहीं किया जा सकता है या फिर उसे कंट्रोल में नहीं लिया जा सकता है। इसलिए ज्यादातर मामलों में ब्लूजैकिंग ज्यादा नुकसानदायक नहीं है। इसमें हमलावर आपको अनवॉनटेड कांटेक्ट भेज सकता है जोकि हानिकारक हैय़ मगर इससे कोई टेक्निक या इकोनामिक लॉस नहीं होती है। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
ब्लूस्नार्फिंग
ब्लूस्नार्फिंग की तुलना में ब्लूजैकिंग कि तुलना में ज्यादा खतरनाक है, ब्लूजैकिंग में पीड़ित को अनवांटेड कंटेंट भेजा जाता है वही ब्लूस्नार्फिंग में पीड़ित से कांटेक्ट या डाटा लिया जाता है, इस तरह के हमले में डिवाइस एक्सिस, पासवर्ड, फोटो, कांटेक्ट, डाटा चुराने के लिए ब्लूटूथ कनेक्शन में हेराफेरी की जाती है। इसमें खतरनाक बात यह है कि डाटा चोर का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, ब्लूजैकिंग में तुरंत पता चल जाता है कि आपको मैसेज कौन भेज रहा है, मगर आप ब्लूस्नार्फिंग में नहीं देख सकते हैं कि कौन ब्लूटूथ पर आपका डाटा चुरा रहा है या हमलावर कौन हैं, यदि आप अपने डिवाइस पर कोई ब्लूटूथ एक्टिविटी देखते हैं तो जो कि आपने शुरू नहीं किया है तो वह ब्लूस्नार्फिंग का संकेत हो सकता है। इसमें हैकर किसी भी तरह के निशान छोड़े बिना 300 फीट की दूरी तक के डिवाइस को एक्सेस करने में सक्षम होता है। हमले के दौरान साइबर अपराधी कांटेक्ट, इनफार्मेशन, ईमेल, कैलेंडर, दूरबीन की खोज किसने की कैलेंडर एंट्रीज, पासवर्ड फोटो एवं अन्य पर्सनल आईडेंटिफिएबल इनफॉरमेशन, वीआईआई तक पहुंचने में सक्षम होता है और इसकी चोरी भी कर सकता है।
ब्लूबगिंग
ब्लूबगिंग और ब्लूस्नार्फिंग बहुत हद तक सामान है, इस तरह के हमले में हैकर डिवाइस तक पहुंच प्राप्त करने के बाद मालवेयर इंस्टॉल कर देता है ताकि उन्हें भविष्य में भी आसानी से उस डिवाइस में एक्सेस मिल सके।
ब्लूबगिंग का एक उद्देश्य यह है कि आपके डिवाइस पर बाग या फिर जासूसी करना, ब्लूबगिंग में अपराधी आपको डिवाइस को दूर से भी कंट्रोल या एक्सेस करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं, दोनों पर होने वाली बातचीत को सुना जा सकता है या फिर बातचीत को हैकर थर्ड पार्टी तक को फॉरवर्ड करने में सक्षम होता है।
ब्लूबगिंग हमले के दौरान हैकर एसएमएस पढ़ सकते हैं और उसका जवाब भी दे सकते हैं, इतना ही नहीं डिवाइस के मालिक को कॉल भी कर सकते हैं और ऑनलाइन अकाउंट या फिर में भी आसानी से पहुंच सकते हैं।
ब्लूबगिंग के लिए पहला कदम पीड़ित के फोन को ब्लूटूथ के माध्यम से कनेक्ट करना होता है, जैसे कि ब्लूस्नर्फिंग में भी होता है।
हमलावर डिवाइस पर मालवेयर इंस्टॉल करता है और भविष्य में भी मालवेयर से डिवाइस पर पूरी पहुंच के साथ कंट्रोल की राइट मिल जाती है।
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