Hypertrichosis Syndrome, हाइपरट्रिचोसिस सिंड्रोम क्या है जाने विस्तार से 

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Wed, 23 Nov 2022 06:09 PM IST

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हाइपरट्रिचोसिस दो तरह की होती है जिसमें से एक स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के शरीर के कुछ अंगों पर बाल आते हैं, तो दूसरी स्थिति में किसी एक निश्चित अंग या एरिया पर बाल आते हैं।

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Hypertrichosis Syndrome : सामान्य इंसान के शरीर में बालों की ग्रोथ की असामान्य स्थिति को हाइपरट्रिचोसिस कहा जाता है। यह एक तरह का ऐसा सिड्रोंम हैं, हाइपरट्रिचोसिस दो तरह की होती है जिसमें से  एक स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के शरीर के कुछ अंगों पर ही बाल आते हैं, तो दूसरी स्थिति में किसी एक निश्चित अंग या एरिया पर बाल आते हैं।
हाइपरट्रिचोसिस को वेयरवोल्फ सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। हाइपरट्रिचोसिस होने पर किसी व्यक्ति के शरीर में जानवर के सामान अत्यधिक बालों के ग्रोथ होते हैं। यह सिंड्रोम महिला एवं पुरुष दोनों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह बहुत दुर्लभ सिंड्रोम है जो लाखों लोगों में एक को होता है। हाइपरट्रिचोसिस जन्म के पहले और बाद, दोनों स्थिति में हो सकती है आइए जानते हैं कि हाइपरट्रिचोसिस के प्रकार क्या हैं, अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. /  सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application

 
हाइपरट्रिचोसिस के प्रकार


जन्मजात हाइपरट्रिचोसिस (Congenital hypertrichosis Lanuginosa) 

हाइपरट्रिचोसिस सिंड्रोम की इस स्थिति में बच्चा जब जन्म लेता है तभी से उसके शरीर में अत्यधिक बाल देखने को मिलता है। बच्चे के शरीर पर पाए जाने वाले महीन बाल शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर दिखाई देने लगते हैं । 

कंजेनिटल हाइपरट्रिचोसिस  (Congenital hypertrichosis Terminalis)

इस हाइपरट्रिचोसिस सिंड्रोम के इस कंजेनिटल स्थिति में बच्चे के जन्म लेने के साथ ही बाल असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं जो कि पूरे उम्र तक उन बालों का ग्रोथ नहीं रुकता है। यह बाल आमतौर पर लंबे और मोटे होते हैं। जो इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के पूरे चेहरे को ढक देते हैं, Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize


 नेवॉइड हाइपरट्रिचोसिस (Nevoid hypertrichosis)

हाइपरट्रिचोसिस सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के किसी भी हिस्से में बालों का पैच दिख सकता है। कई केस में बालों का पैच एक से अधिक जगह पर होता है। GK Capsule Free pdf - Download here
 

हर्सुटिज्म (Hirutism):  

हाइपरट्रिचोसिस के ये प्रकार महिलाओं में होती है, महिलाओं के शरीर के उन हिस्सों में बहुत ज्यादा बाल आते हैं, जहां पर समान्य रूप से बाल नहीं होते हैं, जैसे छाती चेहरा और पीठ।

एक्वायर्ड हाइपरट्रिचोसिस (Acquired Hypertrichosis)

 बच्चे के जन्म के समय होने वाले हाइपरट्रिचोसिस सिंड्रोम के विपरीत यह स्थिति जीवन कभी भी बन सकती है। इस टाइप के हाइपरट्रिचोसिस में  पेट में छोटे-छोटे  मखमल जैसे बाल आते हैं। यह किसी भी व्यक्ति के जीवन काल में कभी भी हो सकता है। 

हाइपरट्रिचोसिस का क्या कारण है 


हाइपरट्रिचोसिस  का कारण अभी तक डॉक्टर और एक्सपर्ट समझ नहीं पाए हैं, लेकिन यह एक तरह की बीमारी है जो जैनेटिक भी हो सकती है। हाइपरट्रिचोसिस  के संभावित कारण हो सकते हैं, कुपोषण या फिर ईटिंग डिसऑर्डर, एनोरेक्सिया नर्वोसा, कैंसर, कुछ ऐसे दवाई का साइड इफेक्ट जैसे एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड के स्थिति में होता है।
 

क्या भारत में कोई इस सिंड्रोम से पीड़ित है 


भारत में एक बच्चा ऐसा है जिसे हाइपरट्रिचोसिस सिंड्रोम है ,उसके चेहरे में इतने अधिक बाल हैं कि चेहरे का स्किन नहीं दिखता है और वह किसी जानवर की भांति दिखता है। मध्यप्रदेश के छोटे से गांव नंदलेटा का रहने वाला  यह 17 साल का है, इस सिंड्रोम से पीड़ित है जिसके कारण उसके चेहरे पर बहुत ज्यादा बाल हैं। इस लड़के का नाम ललित पाटीदार है जो कि मिडिल क्लास फैमिली से आता है।

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