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आत्मरक्षा और जनादेश की रक्षा के अलावा बलप्रयोग निषिद्ध
हम जानते हैं कि शांति स्थापना में अद्वितीय ताकत है. संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में भी सच्चाई, शक्ति और दुनिया भर के पुलिस और सैनिकों को मुस्तैदी से तैनात रखने की क्षमता है. ये शांति रक्षक सैनिक देशों को सुरक्षा देकर संघर्ष से शांति की ओर बढ़ने में सहायता प्रदान करते हैं. इनका सिद्धांत है कि आत्मरक्षा और जनादेश की रक्षा को छोड़कर अन्य मामलों में बल का प्रयोग न करना.
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि युद्धग्रस्त क्षेत्रों में शांति समझौते या शान्ति अनुबंध लागू हो सके. इसके अलावा, वे सुलह, भरोसा, असंशय के उपायों, कानून और व्यवस्था में सुधार तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा देने वाले माध्यमों का समुपयोग करते हैं जिसके माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके. संयुक्त राष्ट्र चार्टर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने के लिए अधिकृत करता है.History of Galwan Valley : क्या है गलवान घाटी का इतिहास, देखें यहाँ
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गठन
शान्ति सन्धि पर हस्ताक्षर या बातचीत करने वाले पक्ष संयुक्त राष्ट्र से अपने यहाँ शांति बनाए रखने के लिए एक शांति सेना को तैनात करने का अनुरोध कर सकते हैं. और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि शांति संधि के तत्वों को लागू किया जाए.यूएनएससी द्वारा मिशन के अनुमोदन पर, शांति अभियान संचालन विभाग आवश्यक व्यवस्था करता है. फिर नेतृत्व दल का गठन किया जाता है. जिसके बाद विभाग, सेनाबल और आपूर्ति के मामले में संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से सहायता मांग सकता है. शांति सेना बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा कुछ राजनयिक कार्रवाई की जाती है.
सेना का आकार और ताकत उस सरकार के द्वारा तय किया जाता है जिसके क्षेत्र में शांति सेना को तैनात किया जाएगा. इसके बाद यूएनएससी से अप्रूवल या अनुमोदन के साथ शामिल पक्षों द्वारा नियम तैयार किए जाते हैं और उन पर पक्षों को अपनी सहमति व्यक्त करनी होती है. सभी समझौते हो जाने के बाद आवश्यक कर्मियों को इकट्ठा किया जाता है और संबंधित क्षेत्र में तैनात कर दिया जाता है. शांति अभियानों के लिए एक बार किसी बल के तैनात कर दिए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र की विशेष समिति, सम्बन्धित तैनात क्षेत्र में सामान्य प्रबंध और दिन-प्रतिदिन के कार्यों की देखरेख करती रहती है.
चर्चा में क्यों ?
दुनिया की सबसे बड़ी शान्तिसेना (यूएन पीसकीपिंग फोर्स) इस वक्त गृहयुद्ध पीड़ित कांगो में तैनात है. कांगो में विभिन्न देशों के लगभग 20 हज़ार से भी ज्यादा सैनिक तैनात किए गए हैं. जानकारियों के मुताबिक परसों यानि 26 जुलाई 2022 को कांगो के बुटेम्बो नामक स्थान पर तैनात बीएसएफ के 2 जवानों की गोलीबारी में मौत हो गई है.स्थानीय लोगों ने कांगो में यूएन पीसकीपिंग फोर्स के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का आह्वान किया था. संयुक्त राष्ट्र के कहे मुताबिक भारतीय सैनिक टकराव वाले क्षेत्रों शांति बहाल करने में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. साल 1999 से हीं कांगो में भारतीय सेना की टुकड़ी मुस्तैद है.
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