कैसे संक्रमित होता है एड्स
जो मरीज एड्स एचआईवी से ग्रसित हैं, उन्हें समाज से बहिष्कार किया जाता है, जिसके प्रति भी इस दिन जागरूक किया जाता है ताकि उनके साथ दुर्व्यवहार, भेदभाव ना हो और लोगों को इसके संक्रमण के प्रति अधिक से अधिक जागरूक कर इस बीमारी के संक्रमण को बढ़ने से रोकना है। दुनिया भर के किसी भी देश में अभी तक एड्स का इलाज नहीं है, आपको बता दें कि एचआईवी के कारण रोगप्रतिरोधक काफी कम हो जाती है जिसके चलते यह वायरस तेजी से शरीर में फैलता है और अगर इसके फर्स्ट स्टेज में इलाज न किया जाए तो व्यक्ति अपनी जान भी गंवा सकता है। आमतौर पर यह असुरक्षित संबंध बनाने एवं एचआईवी वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से यानी जिस व्यक्ति को एचआईवी है और उसके इंजेक्शन या फिर उपकरण को दूसरे मरीजों के साथ शेयर करने पर फैलता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत में केंद्र सरकार ने विश्व स्तर पर विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई सारे कार्यक्रम का संचालन करती है, ताकी लोगों को बताया जा सके कि एड्स क्या है और यह कैसे फैलता है और इससे कैसे बचा जा सकता है हर साल 1 दिसंबर को एक थीम के साथ इस दिन को मनाया जाता है।
विश्व एड्स दिवस की थीम क्या है
विश्व एड्स दिवस को हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है, साल 2022 में इसकी थीम समानता रखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस एड्स की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, आइए जानते हैं कि एड्स बीमारी के लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बच सकते हैं। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
एड्स क्या है
एड्स बीमारी का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम वायरस है, और इसी के कारण लोग इस बीमारी से संक्रमित होते हैं। यह वायरस शरीर को कमजोर करता है, एक के बाद एक अनेक बीमारियों से ग्रसित होने लगता है। शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का इलाज किया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है, लास्ट स्टेज में इस बीमारी का इलाज नहीं होता है जिसके चलते मरीज अपनी जिंदगी से हाथ धो सकता है। अभी तक एचआईवी का कोई इलाज नहीं है इसके इससे बचने के लिए मात्र जागरूकता और सावधानी ही एक इलाज है। GK Capsule Free pdf - Download here
एड्स के लक्षण क्या हैं
एड्स के लक्षण के बारे में बताएं तो जब यह वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है, उसके कुछ ही समय बाद कुछ संकेत देखने को मिलते हैं। शुरुआत में तेज बुखार, शरीर में पसीना आना, थकान, उल्टी, दस्त, शरीर में खुजली जैसे लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलते हैं। समय रहते अगर इसका इलाज ना करवाए जाए तो यह गंभीर रूप ले लेती है, जिसके चलते लोग जान भी गंवा देते हैं। ऐसे में अगर आपने कभी असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं या फिर किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हैं और यह लक्षण आपके शरीर में देखने को मिल रहे है तो तुरंत एड्स की जांच करवानी चाहिए।
विश्व एड्स दिवस का इतिहास क्या है
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1988 में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दौरान करीब 90,000 से डेढ़ लाख लोग एचआईवी से पीड़ित थे। आने वाले दशकों में इस बीमारी में तेजी से बढ़ोतरी हुई और करीब 33 मिलियन लोग एचआईवी की चपेट में आए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस भयावह बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने शिक्षित करने एवं इस बीमारी से बचाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी। एड्स दिवस को हर साल विश्व एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है, पिछले कुछ सालों में एड्स के मरीजों की संख्या में कमी हुई है जो कि एक अच्छी खबर है।
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