World Population, 8 अरब पहुंची दुनिया की आबादी,चीन से कितना पीछे है भारत

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Tue, 15 Nov 2022 02:24 PM IST

Highlights

जनसंख्या वृद्धि आंशिक रूप से मृत्यु दर में गिरावट के कारण होती है,  जन्म के समय जीवन प्रत्याशा के बढ़े हुए लेवल में यह रिफलैक्ट होता है।

Source: safalta

World Population : संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार मंगलवार 15 नवंबर 2022 को दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुंच सकती है। संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम अनुमानों से यह पता लगाया गया है कि वैश्विक जनसंख्या 2030 में लगभग 8.5 बिलियन, 2050 में 9.7 बिलियन और 2100 में 10.4 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद लगाई गई है।
 सोमवार 15 नवंबर 2022 को जारी वैश्विक जनसंख्या संभावना रिपोर्ट में यह कहा गया है कि वैश्विक जनसंख्या 1950 के बाद से अब अपनी सबसे धीमी दर से बढ़ रही है जो 2020 में 1% के कम हो गई है। वैश्विक जनसंख्या को 7 से 8 बिलीयन तक बढ़ाने में 12 साल लगे हैं, इसे 9 मिलीयन तक पहुंचाने में लगभग 15 साल का समय लग सकता है। साल 2037 तक यह माना जा रहा है कि वैश्विक जनसंख्या की समग्र विकास दर और भी ज्यादा धीमी हो सकती है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैंतो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
 सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
 

 साल 2022 में 2 सबसे अधिक आबादी वाले एशियाई क्षेत्र कौन से हैं 


2.3 बिलियन लोगों के साथ पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशिया, 2.1 बिलियन लोगों के साथ मध्य एवं दक्षिण एशिया चीन और भारत प्रत्येक 1.4 बिलियन से अधिक के साथ यह 2 क्षेत्र ही अधिकांश आबादी के लिए जिम्मेदार बताए गए हैं। 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित बढ़ोतरी के आधार पर  केवल 8 देशों में केंद्रित होगा जो है, कांगो, मिस्त्र, इथियोपिया, पाकिस्तान, भारत, फिलिपिंस, तंजानिया ये दुनिया के सबसे बड़े देश में विकास दर आकार के आधार पर उनकी रैंकिंग को फिर से व्यवस्थित की जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक साल 2023 के दौरान भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन कर सामने आ सकता है। जिसमें यह चीन को भी पछाड़ सकता है। इस बात की अनुमान संयुक्त राष्ट्र ने लगाई है।

 जनसंख्या वृद्धि और मृत्यु दर के बारे में


जनसंख्या वृद्धि आंशिक रूप से मृत्यु दर में गिरावट के कारण होती है,  जन्म के समय जीवन प्रत्याशा के बढ़े हुए लेवल में यह रिफलैक्ट होता है। विश्व स्तर पर 2019 में जीवन प्रत्याशा 72.8 साल तक पहुंची, 1990 के बाद से लगभग 9 साल की और बढ़ोतरी हुई है। मृत्यु दर में और कमी के फलस्वरूप 2050 में वैश्विक स्तर पर लगभग 77.2 साल की एवरेज दीर्घायु होने का अनुमान भी लगाया गया है। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize

 सबसे ज्यादा कम आय वाले इन देशों की आबादी बढ़ रही है 


उच्चतम प्रजनन स्तर वाले देश प्रति व्यक्ति सबसे कम आय वाले देश होते हैं, इसलिए वैश्विक जनसंख्या  वृद्धि समय के साथ दुनिया के सबसे गरीब देश में केंद्रित हो गई है, जिनमें से अधिकांश  उप - सहारा अफ्रीका में है। इन सबी देश में तेजी से जनसंख्या बढ़ोतरी सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि को विफल कर सकती है जो एक खुशहाल और स्वस्थ भविष्य की ओर दुनिया का सबसे बेहतरीन रास्ता है।

 जनसंख्या वृद्धि से क्यों बिगड़ रहा है पर्यावरण संतुलन 


जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास के पर्यावरणीय प्रभाव को बढ़ाती है। प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी प्रोडक्शन और कंजप्शन के स्थिर पैटर्न का मेन चालक होता है। भौतिक संसाधन की उच्चतम प्रति व्यक्ति खपत और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन वाले देश वह है, जहां प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है, ना कि वह जहां जनसंख्या तेजी से बढ़ रहा है।
 संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक वैश्विक तापमान बढ़ोतरी को सीमित करने के लिए पहली समझौते के लक्ष्यों को पूरा करना, जबकि सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना गंभीर रूप से प्रोडक्शन और खपत के अस्थिर पैटर्न को रोकने पर ही डिपेंड करता है। कई देश कई सालों से धीमी जनसंख्या वृद्धि वर्तमान सदी के उत्तरार्ध में पर्यावरणीय क्षति के और संचय को कम करने में मदद कर सकती है।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन करंट अफेयर को डाउनलोड करें
November Current Affair E-Book  DOWNLOAD NOW
October Current Affairs E-book DOWNLOAD NOW
September Month Current affair DOWNLOAD NOW
August  Month Current Affairs 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs July 2022 डाउनलोड नाउ