स्फूर्ति अवस्था कहा जाता है? (अ) किशोरवस्था को (ब) बाल्यवस्था को (स) प्रौढावस्था को (द) शैशवस्था
बाल्यावस्था – 6-12 वर्ष इस अवस्था में बालकों में – स्फूर्ति व चूस्ती अधिक होती है। इस कारण इसे स्फूर्ति की अवस्था भी कहते हैं। सामाजिक विकास की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण अवस्था मानी जाती है। वैदिक साहित्यों में बाल्यावस्था की ग्रहण एवं धारण की सर्वोत्तम अवस्था कहा गया है।