ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग का सारा फोकस यह है कि आपका कंटेंट बाकी दुनिया को दिखना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि उसका डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल क्या है।
Table of content:
अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक कैसे लाएँ
क्षेत्रीय भाषा में किस तरह का कंटेंट लिखा जाए
युवा अपना शब्द भंडार कैसे बढ़ाएँ
अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक कैसे लाएँ
दिनेश श्रीनेत - मेरा ये मानना है कि सबसे पहला काम आपको ये करना चाहिए आपको अपना एक ब्लॉग बनाना चाहिए। आप अपनी कोई एक रुचि चुन लीजिए। अब आगे बात आती है कि टेक्स्ट क्या होगा तो टेक्स्ट करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कि आप टेक्स्ट में क्या कहने जा रहे हैं, कौन सी महत्वपूर्ण बात कहने जा रहे हैं। अपने ब्लॉग में आपको अपनी एक अनोखी पहचान बनानी है और वो तब बनेगी जब आपका ब्लॉग ओरिजिनल होगा।
पहले आपकी हेडलाइन बहुत रोचक होनी चाहिए, गूगल सर्च के लिए ये जरूरी है कि जिस टॉपिक में आप लिख रहे हैं उस टॉपिक में आपकी हेडलाइन जरूर मौजूद हो। जैसे मान लीजिए आप ये बताएं "शिमला की सैर कम पैसे में कैसे करें" तो उसकी हेडलाइन ये नहीं होनी चाहिए कि "आऐं करें शिमला की सैर" यानी कि आपके टाइटल में यह बात होनी चाहिए कि “शिमला की सैर आप पर भारी नहीं पड़ेगी” या “बहुत कम खर्च में घूमे शिमला” या फिर “हम बताते हैं आपको ये 10 टिप्स” ये जो पॉइंट होते हैं ये लोगो के अंदर उत्तेजना जगा देते हैं तो ये क्लिक करने के लिए लोगो को प्रोत्साहित करता है।
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दूसरा पॉइंट ये है कि आपका पहला पैराग्राफ महत्वपूर्ण होना चाहिए। पहले पैराग्राफ में भूमिका बिलकुल नहीं होनी चाहिए। ये बात याद रखिए कि अगर यूजर को पहले 2-3 पैराग्राफ में उसके काम की लाइन नहीं दिखाई दी तो यूजर आपकी वेबसाइट को छोड़ सकता है या बंद कर सकता है। पहले पैराग्राफ की पहली लाइन बहुत जरूरी होती है तो आप उस पर अपना समय दें। अपने लेख के उप शीर्षक में विभाजित करें यानि कि छोटे छोटे अनुच्छेद जैसे कुछ ऐसे कीवर्ड अपने कंटेंट में रखिए। गूगल में आने के लिए बहुत बेसिक रूल है कि हर आर्टिकल के कुछ बेसिक कीवर्ड होते हैं, वो कीवर्ड आप सर्च करेंगे तो आपको पता चलेगा। यदि आप अपने टॉपिक को गूगल में डालेंगे तो आपको बहुत से कीवर्ड मिल जाएंगे। कोशिश ये करिए कि वो कीवर्ड आपकी हेडलाइन में मौजूद हो, आपके बॉडी टेक्स्ट में मौजूद हो। इतना ही काफी है। आपका लेख छोटा नहीं होना चाहिए वो कम से कम 350, 400 शब्दों का होना चाहिए।
क्षेत्रीय भाषा में किस तरह का कंटेंट लिखा जाए:
क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान बहुत ज्यादा हो गई इसका एक बहुत बढ़िया सा एक यू-ट्यूब का उदाहरण है । विवेक बिंद्रा का नाम आप सबने सुना ही होगा। उन्होंनें अपना चैनल शुरू किया था और इंग्लिश में उन्होंने कुछ वीडियो बनाये और उन्हें कुछ खास पहुंच नहीं मिली कुछ समय बीता उन्होंने खुद अपनी कहानी में बताया था। अपनी वीडियो को हिंदी में करते ही उन्होंने देखा कि छोटे शहरों का एक बहुत बड़ा वर्ग जो है उस तक बहुत सारा कंटेंट पहुंचता ही नहीं, तो देखते देखते उनकी रीच लाखों में पहुंच गई और धीरे - धीरे उन्होंने छोटे शहरों में अपना एक बिजनेस कंसल्टेंसी का बड़ा बिजनेस शुरू कर दिया। ये एक उदाहरण है जिससे पता चलता है कि हिंदी या अन्य भाषाओं में पहुंच बहुत ज्यादा है क्योंकि मोबाइल तथा इंटरनेट की सुविधा सभी के पास होने के कारण आदमी अपनी भाषा में कंटेंट देखना ज्यादा पसंद करता है।
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युवा अपना शब्दभंडार कैसे बढ़ाएँ:
इसके लिए सबसे जरूरी है पढ़ना, जो कि ये आदत बहुत तेजी से खत्म होती चली जा रही है। मैं ये कहूंगा कि ये जो युवा पीढ़ी है वो ही नहीं बल्कि ये समय ही ऐसा है कि हम सारे लोग पढ़नें में सबसे कम समय देते हैं। लेकिन मेरा ये मानना है कि यादि आपको लिखना है तो आपको लिखा हुआ पढ़ना भी चाहिए उसके बिना आपका शब्द भंडार नहीं बढ़ेगा, जो सबसे जरूरी है। पढ़ने में भी क्या पढ़ना चाहिए इसका चयन बहुत महत्त्वपूर्ण है, आपको 2-3 तरह की चीजें पढ़नी चाहिए कुछ चीजें आपको सिर्फ इसलिये पढ़ना चाहिए कि आप ये सीख सकें कि कोई व्यक्ति अपनी बात को कितने अच्छे तरीके से कहता है।
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आप लिखिए अपने लिखे हुए को दूसरे व्यक्तियों को पढ़ाइए उस पर आलोचनाएं आमंत्रित करिए फिर दोबारा से उसे ठीक करिए तो ये सारी प्रक्रिया बहुत बढि़या है या ऐसा नहीं है कि ये आपको एक बार ही करना है बार बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। तो आप लगातार सीखते रहेंगे।