UP Police Constable Recruitment 2024: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती के शारीरिक मानक परीक्षण और दस्तावेज सत्यापन के दौरान मेरठ में 11 जनवरी को रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। एक डॉक्टर ने शारीरिक परीक्षण के दौरान अभ्यर्थी से 50,000 रुपये की घूस की मांग की। इसके बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टर और उसके ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती के पहले चरण में लिखित परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को शारीरिक मानक परीक्षण और दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाता है। 11 जनवरी को मेरठ में शारीरिक परीक्षण के दौरान एक डॉक्टर ने अभ्यर्थी निखिल राठी को "सीने के फुलाव में कमी" का झांसा देकर 50,000 रुपये की घूस की मांग की। निखिल राठी, जो बागपत के टीकरी गांव का निवासी है, ने इस भ्रष्टाचार का खुलासा किया।
डॉक्टर ने निखिल से कहा कि वह पुलिस लाइन के गेट नंबर तीन के बाहर खड़ी एक वाहन संख्या 7065 से संपर्क करें। जब निखिल ने बाहर जाकर वाहन को नहीं पाया, तो उसने डॉक्टर को इसकी जानकारी दी। डॉक्टर ने उसके पिता का मोबाइल नंबर लेकर किसी व्यक्ति को व्हाट्सएप पर संदेश भेजा, जिसके बाद निखिल के पिता के फोन पर एक कॉल आई और कॉलर ने 50,000 रुपये की घूस की मांग की। निखिल के पिता ने वाहन से बात की और कहा कि उनका बेटा मानकों के अनुसार पूरी तरह फिट है, और वह परिवार से चर्चा करने के बाद बताएंगे। इसके बाद निखिल के पिता ने वाहन का फोटो ले लिया। आरोपियों ने उन्हें देखा और वहां से निकल गए। बाद में आरोपी ने यह कहकर मामले को शांत किया कि निखिल का फिटनेस मानक सही कर दिया गया है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
निखिल की शिकायत पर यूपी पुलिस ने आरोपी डॉक्टर और उसके ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यूपी पुलिस भर्ती प्रक्रिया के नोडल अधिकारी एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शारीरिक परीक्षण और दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया
यह भर्ती प्रक्रिया 26 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 3 फरवरी 2025 तक चलने वाली है। यूपी के 75 जिलों में रोजाना लगभग 5,000 अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है, और लखनऊ से भी इस पर मॉनीटरिंग की जा रही है।
भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल
इस मामले के सामने आने के बाद यूपी पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि कई बार अभ्यर्थियों के पूरी तरह फिट होने के बावजूद उन्हें मामूली कमी का बहाना बनाकर भर्ती से बाहर करने का दबाव डाला जा रहा है और इसके बदले मोटी रकम की मांग की जा रही है। ऐसे मामलों की जांच और अधिक गंभीरता से की जाएगी।